
'अच्छे दिन आएंगे...' की उम्मीदों के साथ नया निजाम बदल चुका है। लेकिन, अन्य जगहों की तरह कृष्ण की नगरी मथुरा में बचपन आज भी कचरा ढोने के लिए मजबूर है। तपते सूरज के नीचे इनके बचपन का झुलसना अभी भी जारी है। मोदी ने 300 कमल मांगे थे... जनता ने 336 दिए... अब इनका 'कमल' कब खिलेगा यह यक्ष प्रश्न है।
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