प्रोमोटर धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इसके जरिए पुराने ऐतिहासिक प्रमाणों, दस्तावेजों, चिह्नों और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ी चीजों को न केवल संजोया जाएगा बल्कि उनके क्रय – विक्रय को भी आसान बनाया जाएगा।