डॉ. भीमराव अंबेडकर बहु-आयामी व्यक्तित्व के धनी थे। अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मानवविज्ञान और राजनीति जैसे अधिसंख्य विषयों में उनकी विद्वता ने उनमें एक स्पृहणीय भावना पैदा की जिसके चलते वह किसी विषय में किसी से कम नहीं थे। इन दिनों अत्यन्त चर्चित विषय 'अधिक मूल्य के नोटों का विमुद्रीकरण' की परिकल्पना बाबा साहेब ने उस समय की थी, जब वह अर्थशास्त्र के विद्यार्थी थे। उनकी शाश्वत विरासत को किसी एक समुदाय, राजनीति, विचार या दर्शन तक सीमित करके देखना वास्तव में, उनके प्रति गंभीर अपकार ही होगा...

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